by
TanvirSalim1
on 29/1/17
view
rss
like
गाँधी जी के निधन पे रेडियो पाकिस्तान से प्रसारित की हुई मर्सिया:
ऐ कौम न छूटे गा दमन से तेरे ये दाग,
गुल तूने अपने हाथ से अपना किया चिराग,
बापू का कतल करके तूने तोडा है वो फूल,
तरसे गा लहलहाने को अब एशिया का बाग़.
232 chars, < 1 min read