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by TanvirSalim1
on 15/11/16
KAVITA-Part I:
संग तराश के परिश्रम से पत्थर पूजा योग्य हो जाता है,
सवर्ण भी अग्नि में जल कर आभूषण का रूप पाता है,
घास फूस चुनते हैं पच्छी तो घोंसला संभव हो पाता है,
कर्तव्य पालन करे प्राणी देखा सपना सच हो पाता है,.....to be continued..
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