हमारी जनता की सोच ही वहीँ तक है। हांजी,आपकी सरकार भी रेल और वितीय बजट पेश करेगी तब भी हमारी जनता येही देखेगी की उसकी जेब कितनी हलकी हुई, न की सरकार का vision ॥और अपना vision तो अब बस जीने -खाने तक सिमित हो चुकी है|सभी सरकारें येही करती हैं, और आप भी येही करोगे -- एक vision-less budget ...