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by TanvirSalim1
on 19/1/16
Ghazal

वक़्त किसका है कोई उसे रोक नहीं पाया,
मौजों को इंतज़ार करते किसी ने नहीं पाया,,
यूं तो आदम की औलाद सब हैं भाई - भाई,
kisi की तरक्की से कोई खुश नज़र कब आया,,
इक कसक थी नए जूते न खरीद पाने की,
कितनो को बैसाखियों पे देख दिल भर आया,,
भागते हैं बच्चे काटी पतंग के पीछे तनवीर,
तेरे हुनर का इनाम इन के हिस्से में तो आया,,,,तनवीर सलीम