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by TanvirSalim1
on 12/2/17
आज से चुनाव आरम्भ, ज़हर भरे माहौल में. गंगा-जमुना तहज़ीब की मिसाल गोरखपुर की असेंबली सीट. पहले चुनाव (1952) के बाद 15 वर्ष (Istafa Husain and Niyamatullah Ansari) हमारे परिवार में रही, फिर शुरू हुआ धर्म और जाति का खेल और मार दी गयी, गंगा जमुना तहजीब. गोरखपुर पीछे चला गया, वरना खाद की फैक्ट्री से लेकर इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी और हैंडलूम का सुनहरा दौर...अब क्या है? कुछ भी नहीं. जैसा बोगे वैसा ही काटोगे.