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by TanvirSalim1
on 25/1/17
कर्पूरी ठाकुर के बारे में...."राजनीति में इतना लंबा सफ़र बिताने के बाद जब वो मरे तो अपने परिवार को विरासत में देने के लिए एक मकान तक उनके नाम नहीं था. ना तो पटना में, ना ही अपने पैतृक घर में वो एक इंच जमीन जोड़ पाए".....आइए उनकी तुलना की जाए आज के जन नायकों से.