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by TanvirSalim1
on 18/12/14
बस्तियां रौंद के क़ातिल हर सिमट से आयेंगे,
और मासूम बच्चों को वो पहरों रुलायंगे..

उस दौर में फरिश्तों को लड़ने भेजा या ख़ुदा,
हम इस उम्मीद पे बैठे है फ़रिश्ते कब आयेंगे..

नज़रें उठा के देखो कि हर तरफ है ख़ामोशी,
आसार कह रहे हैं कि अब तूफ़ान आयेंगे..

-तनवीर सलीम (२००७)