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by TanvirSalim1
on 9/9/14
साहिल से तूफ़ान को देखने तो सैलानी जाते ही हैं, पर मज़ा तो तब है जब मौजों में बिखर जाने का जूनून दिल में अंगराई लेने लग जाए।

बिखर भी गए तो क्या होगा, साहिल पे लोग तुझे बिखरते देख यही सोचेंगे की ये वापस आएगा, एक दिन किसी सीप में मोती बनके।